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*उदय* किसी का भी अचानक नहीं होता,
*सूर्य* भी धीरे धीरे निकलता है ..
......और ऊपर उठता है।
*धैर्य* और *तपस्या* जिसमें है,
..वही *संसार* को *प्रकाशित*
........कर सकता है...!!!"
हम भी धीरे धीरे उठ रहे हैं आप सबके सहयोग का हार्दिक धन्यवाद !!!
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